
प्रदेश में कमाई का बड़ा जरिया “पर्यटन” संकट में, कांग्रेस सरकार असमंजस में : भाजपा
भाजपा ने सरकार पर लगाए पर्यटन को बर्बाद करने के आरोप
खबरनामा : शिमला
भाजपा प्रवक्ता चेतन बरागटा और संदीपनी भारद्वाज ने कहा की पर्यटन विभाग हिमाचल प्रदेश को 15000 करोड़ का रेवेन्यू जरनेट करता है। हिमाचल प्रदेश मे पर्यटन विभाग बहुत महत्वपूर्ण है,लेकिन हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार पुरी तरह कन्फ्यूज है कि पर्यटन को कैसे संभाला जाए।
भाजपा प्रवक्ताओं ने कहा, प्रदेश के मुख्यमंत्री को इस विभाग के माध्यम से प्रदेश के युवाओ के लिए रोजगार पैदा करने का प्रयास करना चाहिए तथा इस विभाग को अधिक सुदृढ करने के लिए प्रदेश सरकार को सहयोग करना चाहिए। काँग्रेस सरकार लगातार तुगलकी फरमान जारी कर प्रदेश की जनता पर बोझ डालने का कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार ने छोटे यात्री वाहनों पर टैक्स में छह गुना बढ़ोतरी लागू की है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने 20 जनवरी को राजपत्र में अधिसूचना जारी कर इसे लागू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पंजीकृत पांच सीटों से कम क्षमता वाले व्यावसायिक वाहनों को सालाना 1,350 के स्थान पर 8,000 रुपये, पांच सीटर से अधिक और 10 सीटर से कम क्षमता वाले वाहनों को 800 के स्थान पर 2,000 रुपये प्रति सीट प्रति साल,10 सीटर से अधिक और 23 सीटर से कम वाले वाहनों पर 1,000 के स्थान पर 3,000 रुपये प्रति सीट प्रति साल और 23 सीटर से अधिक क्षमता वाले वाहनों को 1,500 के स्थान पर 5,000 रुपये प्रति सीट किराया चुकाना होगा।
चेतन बरागटा ने कहा कि बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों के लिए सरकार ने 1 सिंतबर, 2023 से विशेष पथकर की दरें 3,000 से 6,000 रुपये रोजाना लागू कर दी थीं, जिसके बाद बाहरी राज्यों के ट्रेवल एजेंटों ने हिमाचल प्रदेश का बहिष्कार करना शुरू कर दिया था। चेतन बरागटा ने कहा बड़ी हुई दरो के कारण हिमाचल प्रदेश में बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी आई है।
उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि बढ़ी दुई दरो को प्रदेश सरकार तुरंत वापिस ले और हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग को सुदृढ करने की दिशा में सकारात्मक कदम उठाए।