
देवभूमि में शर्मसार करने वाल अपराध, बरामदे में मिला 7 माह का भ्रूण
बच्चे के जन्म का राज छुपाने को किया जघन्य अपराध
ख़बरनामा : संघड़ाह
देवभूमि सिरमौर में अजन्मे बच्चे की हत्या का शर्मसार करने वाला जघन्य अपराध हुआ है। यहां उपमंडल संघड़ाह के तहत घर के बरामदे में करीब 6 से 7 महीने का क्षत विक्षित भ्रूण पड़ा मिला। भ्रूण के नीचे का हिस्सा और हाथ व पांव गायब थे। ऐसी हालत में भ्रूण मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है।
दरअसल, जरग गांव के प्रेमचंद ने अपने घर के बरामदे में 6 से 7 महीने का भ्रूण देखा। प्रेमचंद ने पुलिस को सूचना दी कि किसी ने उसके बरामदे में क्षत विक्षित फेंका दिया है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की।
जांच में सामने आया है कि बच्चे के शरीर पर गीली मिट्टी लगी हुई थी। बच्चों की टांगें और हाथ गायब थे। ऐसा माना जा रहा है कि अजन्मे बच्चे की जानकारी छुपाने के लिए उसे जल्दबाजी में कहीं दफनाया गया होगा। गलत ढंग से दफनाने पर कुत्ते आदि जानवरों ने उसे निकाल कर नोच डाला और और प्रेम चंद के बरामदे में छोड़ दिया होगा।
पुलिस ने भ्रूण को कब्ज में लेकर पोस्टमार्टम के लिए नाहन भेजा गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भ्रूण 6 से 7 महीने का हो सकता है। अंगों को जानवरों द्वारा नचा गया है। फिलहाल पुलिस को इस बात का कोई सबूत नहीं मिल पाया है कि मानवता को संसार करने वाला यह अपराध किसने किया है।
डीएसपी संहड़ाह मुकेश कुमार डडवाल ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया। डीएसपी ने बताया कि पुलिस ने आईपीसी की धारा 318 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। बच्चे के माता-पिता का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।